Cochin Shipyard और Lloyds Engineering के नवीनतम ऑर्डर अपडेट – 2025
लेख अपडेट: मई 2025
परिचय (Introduction)
Cochin Shipyard Limited (CSL) भारत की प्रमुख शिपबिल्डिंग कंपनी है, जो केरल के कोच्चि में स्थित है। यह कंपनी बड़े और तकनीकी रूप से उन्नत जहाजों के निर्माण के लिए जानी जाती है। वहीं Lloyds Engineering Works Limited (LEWL) शिपयार्ड सप्लाई और रक्षा उपकरणों के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। दोनों कंपनियां भारतीय शिपबिल्डिंग उद्योग में अपनी पकड़ मजबूत करते हुए नए-नए ऑर्डर प्राप्त कर रही हैं। इस लेख में हम 2025 के प्रमुख ऑर्डर और उनकी प्रभावशाली जानकारी विस्तार से जानेंगे।
Cochin Shipyard के प्रमुख ऑर्डर (Major Orders of Cochin Shipyard)
1. ₹1000 करोड़ का Hybrid Service Operation Vessel (SOV) का ऑर्डर
Cochin Shipyard ने यूरोप के एक प्रमुख ग्राहक से लगभग ₹1000 करोड़ का Hybrid Service Operation Vessel (SOV) बनाने का ऑर्डर प्राप्त किया है। यह जहाज offshore wind farms की सर्विसिंग, संचालन और रखरखाव के लिए उपयोग किए जाएंगे। यह प्रोजेक्ट 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।
Hybrid SOV जहाजों में अत्याधुनिक बैटरी और हाइब्रिड इंजन सिस्टम लगे होते हैं, जो पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ ईंधन की बचत करते हैं। इससे Cochin Shipyard की हरित ऊर्जा (Renewable Energy) के क्षेत्र में विशेषज्ञता को और मजबूती मिली है।
2. ₹550 करोड़ का Zero-Emission Feeder Container Vessel ऑर्डर
नॉर्वे की Samskip Group से Cochin Shipyard को दो Zero-Emission Feeder Container Vessels का ₹550 करोड़ का ऑर्डर मिला है। ये जहाज हाइड्रोजन ईंधन कोशिका तकनीक पर आधारित होंगे, जो शून्य उत्सर्जन (Zero Emission) सुनिश्चित करते हैं। ये जहाज 2025 की तीसरी तिमाही तक बनकर तैयार हो जाएंगे।
इन जहाजों से CO₂ उत्सर्जन में भारी कमी आएगी, जो वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा। इस ऑर्डर से Cochin Shipyard का पर्यावरण के अनुकूल शिपबिल्डिंग में योगदान बढ़ेगा।
3. ₹1100 करोड़ का Dry Cargo Vessel ऑर्डर
Cochin Shipyard की सहायक कंपनी Udupi Cochin Shipyard Limited (UCSL) को नॉर्वे की Wilson ASA से 8 Dry Cargo Vessels का ऑर्डर मिला है, जिसकी कुल कीमत ₹1100 करोड़ से अधिक है। ये जहाज पर्यावरण के अनुकूल डिजाइन के साथ 2028 तक तैयार किए जाएंगे।
ये जहाज यूरोपीय तटीय जलमार्गों में परिवहन के लिए उपयुक्त होंगे और उच्च ऊर्जा दक्षता प्रदान करेंगे। Udupi Cochin Shipyard का यह ऑर्डर भारत की शिपबिल्डिंग क्षमताओं का एक नया प्रमाण है।
Lloyds Engineering Works Limited के ऑर्डर (Orders Received by Lloyds Engineering)
1. ₹59 करोड़ का Eco-Pickling और Marine Loading Arms ऑर्डर
Lloyds Engineering को ₹59 करोड़ का ऑर्डर प्राप्त हुआ है जिसमें Eco-Pickling सिस्टम (₹50 करोड़ का) और Marine Loading Arms (₹9.3 करोड़ का) शामिल हैं। Eco-Pickling तकनीक पर्यावरण के अनुकूल मेटल क्लीनिंग प्रक्रिया है, जो प्रदूषण को कम करती है।
Marine Loading Arms समुद्री जहाजों को तरल पदार्थ लोड और अनलोड करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। यह ऑर्डर Lloyds Engineering की तकनीकी क्षमता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को दर्शाता है।
2. ₹81 करोड़ का Naval Equipment ऑर्डर
Lloyds Engineering को भारतीय नौसेना के लिए Ship Steering Gears और Ship Stabilizer Systems बनाने का ₹81 करोड़ का ऑर्डर मिला है। यह प्रोजेक्ट तीन वर्षों में पूरा होगा।
यह ऑर्डर Lloyds Engineering की रक्षा क्षेत्र में बढ़ती भूमिका और तकनीकी विशेषज्ञता का प्रमाण है। कंपनी के इस क्षेत्र में काम करने से भारत की समुद्री रक्षा क्षमताओं को मजबूती मिलती है।
टेक्नोलॉजी और इनोवेशन (Technology and Innovation)
Cochin Shipyard ने अपनी निर्माण प्रक्रिया में उच्च तकनीकी उपकरणों और स्वदेशी नवाचारों को शामिल किया है। Hybrid और Zero Emission जहाजों का निर्माण इसकी विशेषज्ञता को दर्शाता है। इसके साथ ही, Lloyds Engineering की Eco-Pickling और Marine Loading Arms तकनीकें पर्यावरण और सुरक्षा दोनों पहलुओं में महत्वपूर्ण हैं।
दोनों कंपनियां Research & Development (R&D) में निरंतर निवेश कर भारतीय शिपबिल्डिंग उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में काम कर रही हैं।
भारतीय शिपबिल्डिंग उद्योग में भूमिका और भविष्य (Role and Future Prospects)
Cochin Shipyard और Lloyds Engineering दोनों ने भारत को स्वदेशी शिपबिल्डिंग में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अहम योगदान दिया है। Cochin Shipyard का INS Vikrant जैसे बड़े प्रोजेक्ट इसकी क्षमताओं का सर्वोच्च उदाहरण हैं।
सरकार की "Make in India" और "Atmanirbhar Bharat" पहल के तहत ये कंपनियां भविष्य में और अधिक उन्नत जहाजों, रक्षा उपकरणों और पर्यावरण-हितैषी तकनीकों के विकास में आगे बढ़ेंगी।
वित्तीय प्रदर्शन (Financial Performance)
Cochin Shipyard ने 2024-25 के वित्तीय वर्ष में ₹177 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया है। कंपनी ने ₹3.5 प्रति शेयर का interim dividend भी घोषित किया है। Lloyds Engineering ने भी पिछले वर्ष में अपने ऑर्डर बुक और मुनाफे में सुधार दर्ज किया है। ये संकेत दोनों कंपनियों की मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
Cochin Shipyard और Lloyds Engineering दोनों ही भारतीय शिपबिल्डिंग और रक्षा क्षेत्र के भविष्य के स्तंभ हैं। उनके हालिया ऑर्डर न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं बल्कि पर्यावरण संरक्षण और तकनीकी उन्नति की दिशा में भी मील के पत्थर साबित होंगे।
भारत की समुद्री ताकत को मजबूत करने के लिए इन कंपनियों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है और आने वाले वर्षों में वे और भी बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करने के लिए तैयार हैं।
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