JSW Steel to Revive Overseas Operations in FY26
JSW Steel, जो भारत की सबसे बड़ी निजी स्टील निर्माताओं में से एक है, ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय विस्तार की रणनीति पर जोर दिया है। कंपनी ने घोषणा की है कि वह वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) से अपने विदेशी संचालन को फिर से शुरू करने की योजना पर काम कर रही है। यह निर्णय वैश्विक मांग में पुनरुद्धार, कच्चे माल की लागत में स्थिरता, और अमेरिका व यूरोप में पुनः व्यापारिक अवसरों को देखते हुए लिया गया है।
अंतरराष्ट्रीय विस्तार का महत्व
JSW Steel के पास अमेरिका, इटली और चेक गणराज्य जैसे देशों में पहले से निवेश और परिचालन रहा है। हालांकि कोविड-19 महामारी और सप्लाई चेन में रुकावटों के चलते इन प्लांट्स को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा। अब कंपनी चाहती है कि वैश्विक मांग को फिर से भुनाया जाए और भारत के बाहर अपने व्यापारिक दायरे को और मजबूत किया जाए।
FY26 में कंपनी का उद्देश्य कम से कम दो अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स को पुनः सक्रिय करना है। इसमें अमेरिका में कोटिंग और गैल्वनाइजिंग यूनिट्स की रीकमिशनिंग और यूरोप में एक आधुनिक स्टील प्रोसेसिंग प्लांट का पुनर्निर्माण शामिल है।
Bhushan Power & Steel Ltd का अधिग्रहण – एक बड़ा कदम
JSW Steel ने हाल ही में ₹19,700 करोड़ की डील के तहत Bhushan Power & Steel Ltd (BPSL) का अधिग्रहण किया था। यह अधिग्रहण भारत के दिवालिया समाधान प्रक्रिया (IBC) के तहत एक ऐतिहासिक कदम माना गया। BPSL का संयंत्र ओडिशा के झारसुगुड़ा में स्थित है, और इसकी उत्पादन क्षमता लगभग 3.5 मिलियन टन सालाना है।
JSW की योजना है कि इस प्लांट की क्षमता को 5 मिलियन टन तक बढ़ाया जाए, जिससे कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता 30 मिलियन टन प्रतिवर्ष से अधिक हो जाएगी। इससे JSW को पूर्वी भारत में अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद मिलेगी, खासकर कोल आधारित उद्योगों के समीप।
सुप्रीम कोर्ट का दखल और नई चुनौती
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने BPSL के अधिग्रहण को लेकर कानूनी आपत्तियाँ दर्ज कीं और JSW Steel को कुछ शर्तों के तहत भुगतान वापस करने का आदेश दिया। हालांकि, JSW ने इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है और कहा है कि कंपनी ने अधिग्रहण प्रक्रिया में सभी नियमों का पालन किया था।
विदेशी निवेश और भारत का स्टील एक्सपोर्ट
भारत का स्टील एक्सपोर्ट FY25 की तुलना में 12% बढ़ने की संभावना है। JSW इस अवसर का लाभ उठाकर अपने विदेशी कारोबार को अमेरिका, अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया जैसे बाजारों तक फैलाना चाहती है।
JSW के रणनीतिक फोकस:
- क्लाइमेट-फ्रेंडली उत्पादन: JSW अब "ग्रीन स्टील" पर ध्यान दे रही है।
- डिजिटलाइजेशन और स्मार्ट प्लांट्स की ओर झुकाव।
- Logistics और Supply Chain Optimization।
निवेशकों के लिए मुख्य बातें
- अंतरराष्ट्रीय संचालन से रेवेन्यू विविधता में सुधार।
- BPSL प्लांट से उत्पादन क्षमता में इजाफा।
- लंबी अवधि में स्टॉक के प्रदर्शन में संभावित उछाल।
- कंपनी के शेयरधारकों को FY26 से बेहतर रिटर्न की उम्मीद।
भविष्य की योजनाएं
JSW ने अगले तीन वर्षों में ₹60,000 करोड़ तक का निवेश करने की घोषणा की है। इस निवेश का बड़ा हिस्सा अंतरराष्ट्रीय पुनरुद्धार और भारत में नई कैपेसिटी बिल्डिंग में खर्च किया जाएगा।
साथ ही, कंपनी ने यह भी संकेत दिए हैं कि वह आने वाले समय में IPO के जरिए अपनी ऊर्जा शाखा को भी लिस्ट कर सकती है।
JSW Steel की प्रमुख योजनाओं का सारांश
वर्ष | महत्वपूर्ण कदम | क्षमता (MT) |
---|---|---|
2023 | BPSL अधिग्रहण | 3.5 |
2024 | ओडिशा संयंत्र विस्तार | 5.0 |
2025 | विदेशी विस्तार की तैयारी | 6.5 |
2026 (योजना) | अमेरिका और यूरोप प्लांट पुनः प्रारंभ | 8.0 |
JSW की उत्पादन क्षमता
निष्कर्ष
JSW Steel अपने विदेशी परिचालन को पुनर्जीवित करने और घरेलू स्तर पर अधिग्रहण के माध्यम से तेजी से विकास की ओर बढ़ रही है। यह रणनीति कंपनी को न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी स्टील निर्माता बनाने में सहायक होगी।
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